मिश्रधातु (Alloys)
कोई भी धातु किसी अन्य धातुओं या अधातुओं के मिश्रण बनाती है तो यह मिश्रण ही मिश्रधातु कहलाता हैं जिसके कारण मिश्र धातुओं के गुण अपने मूल धातुओं के गुणों से अलग होती है
ऐसे ही कुछ नीचे बताये गए हैं-
Steel (इस्पात) :-
इसमे लोहा (iron) और कार्बन लगभग 0.1 से 1.5% तक होता है इसकी कुछ ऐसे ही अन्य मिश्र धातुएँ है जो नीचे दिए गए है_
1 Stainless steel -
इसमें 18% तक क्रोमियम और निकेल होते है जिनका उपयोग संक्षारण या जंगरोधी उपकरण बनाने में होता है ।
2 टंगस्टन इस्पात :-
15 से 20% टंगस्टन, 5% क्रोमियम और कुछ वैनेडियम को मिला कर बनाया जाता है जिससे यह उच्च ताप पर कठोर बना रहता है और इसका मुख्य उपयोग वेधन यंत्रों एवम उच्च वेग खराद मशीनों के कर्तन यंत्रो को बनाने के लिए किया जाता हैं ।Annealing(एनीलिंग) :-
इस्पात को पुनः फिर से कोई दूसरा गुण प्राप्त करने के लिए इसको उच्च ताप पर गर्म करके धीरे-धीरे ठन्डा करने पर उसकी कठोरता खत्म हो जाती है और उसे पुनः दूसरे गुणों का बना सकते है ।Amalgum(अमलगम) :-
पारा के मिश्र धातु अमलगम कहलाते है* कुछ धातु अमलगम नही बनाते है- लोहा ,प्लेटिनम ,कोबाल्ट ,निकिल और टंगस्टन इत्यादि
* जीकोनियम धातु का प्रयोग अभेद (गोली सतह) मिश्र धातु बनाने में किया जाता हैं ।
* पीतल(brass) में कॉपर70% और जिंक30% होता है
* कांसा (bronze) में कॉपर90% और Sn10% होता हैं ।
* गन मेटल में cu+zn+Ni (60%+20%+20%) होता हैं ।
* टाका (solder) में Sn+Pb(67%+33% ) होता हैं ।
* टॉका का गलनांक , जिससे यह बना होता है (लेड और टिन से) से कम होता है ।
* कोबाल्ट इस्पात का विशष्ट चुम्बकत्व का गुण के कारण इसका स्थायी चुम्बक बनाया जाता हैं ।
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